Thursday, September 16, 2021

मन्नत का धागा••••

लो चलो, आज मैं बांध ही दूं अपनी सांसों पे तेरे लिए एक छोटा-सा, मन्नत का धागा••••

नाम तेरा लेकर कह दूं अब, इस धड़कन को, देख, तुझसे ही जा उलझा, मेरे मोह का ये धागा••••

तुझसे छुपकर बांधू उसमें लाखों मजबूती की गांठें, चाहे भी तो खोल ना पाए, बिन मेरी सांसे काटे••••

रूह ए अल्फ़ाज़ में लपेटूं खुद को, यूं नाम तेरा ले-लेकर, ये गाँठे कभी ना सुलझे,मेरे दिल की धड़कन से ❤️🌹

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