Thursday, September 16, 2021

मेरा सपना...

हर किसी के अंदर एक छुपी हुई दुनिया होती है... वो दुनिया जिसे हम सपनों की दुनिया कहते हैं।हर कोई चाहता है उस दुनिया को किसी ऐसे के साथ जीना जो उसके लिए इस भाग दौर वाली दुनिया में ख़ास हों...जिसकी आवाज़ सुबह में सुनने से ऐसा लगे की आज का दिन अच्छा होगा और जब तक रात को बात ना हो तब तक पूरे दिन की थकान ही ना कम होने का नाम लें...और एक ऐसा इंसान हर किसी के जीवन में होता हैं।
मेरी भी एक छोटी सी सपनों की दुनिया हैं...और वो पल बस मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ। कही दूर जा कर जीना चाहता हुँ तुम्हारे साथ।
जहाँ हम खुल कर साँस ले सके और कोई डर भी ना हो किसी के देखने का...जहाँ हम घंटो खुलीं आसमान के नीचे एक दूसरे के हाथो में हाथ रख कर घूम सके...जहाँ तुम्हारी नदानियाँ हम से शुरू और हम से ही ख़त्म हों। जहाँ ना कुछ पाना और ना कुछ खोना हों...क्यूँकि तुमको पाने के अलवा और कुछ चाहिए भी तो नहीं ना।
वहाँ एक छोटा सा घर हो और उस घर की ज़मीन पर ही हमारा बिस्तर हों। एक छोटी तालाब हों।वहाँ एक फूलों कीं बग़ीचा हों जिसकी सुगंध हमारे प्यार को और भी ख़ूबसूरत बना दें।और उस घर में एक लकड़ी वाला चूल्हा हो जिस पर हम दोनो मिल कर खाना बनाए। जब खाना बनाते वक़्त तुम्हारे बाल आँखों के सामने आ जाए तो मैं उसे ठीक करूँ...
जहाँ तुम खुली आसमान के नीचे सो कर चाँद और तारे को घंटो देख सको और मैं अपने चाँद को जो उस चाँद से भी ख़ूबसूरत लगती है।

बस इतना ही सपना है मेरा की जब बुढ़ापा में पलट कर जवानी को देखे तो कोई फ़र्क़ ना दिखे तब भी हमारे प्यार में...वो तब भी उतनी ही ख़ूबसूरत हों और हम दोनो एक दूसरे के आँखों में देख कर मुस्कुराए और फिर एक दूसरे को अपनी बाँहों में समेट लें।।❤️❤️

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