हर वक्त जिस्म की ख्वाहिश नही होती जिन्हें,,
वासनामुक्त दिल के एहसास चाहते हैं।
हर वक्त आलिंगन न हो प्रेम में,,
कुछ दिल के जज़्बात चाहते हैं।।
ज़रूरी नही नज़रे ख्वाहिश जताएं करीब आने की,,
बस कुछ प्यार से लबरेज़ अल्फ़ाज़ चाहते हैं।।
हर वक़्त झगड़ना नहीं चाहते है
कुछ पल गोद में सर टिका कर सुकून भी चाहते है ।।
पुरुष भी पवित्र प्रेम चाहते हैं ।
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