Sunday, July 19, 2020

हर एक पर फिसल जाये ऐसा दिल नही मेरा.....

हर एक पर फिसल जाये ऐसा दिल नही मेरा...
किसी के तंग कपड़ों को देख मचल जाये ऐसा दिल नही मेरा..
सूरतें देख कर तारीफ कर देता हूं उस रब की कारीगरी समझ कर...
वरना गोरी चमड़ी देख कर प्यार हो जाये ऐसा दिल नही मेरा...
कोई लड़की हंस कर बुला ले तो दोस्त, बहन या अपना समझ के हंस लेता हूं...
किसी की मिट्ठी बातों से ठगाये ऐसा दिल नही मेरा...
कोई रोती है मेरे सामने तो दर्द बंटा देता हूं घड़ी दो घड़ी...
वरना कोई आंसुओं मे बहा ले जाये ऐसा दिल नही मेरा...
हां मगर जिस से मोहब्बत करूं तो टूट के करता हूं मै...
कोई मेरे साथ हो और खुशियों से उसे सराबोर ना कर पाये ऐसा भी दिल नही मेरा...

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